🌹वीर रस मायड़ भाषा मे🌹
॥ काठी मांड सजा ल्यो घोड़ा॥ काठी मांड सजा ल्यो घोड़ा ऊपर जीण कसावो रे आज संगीन हाथा ले ल्यो सीमा पर थे जाओ रे सीमा पर दुश्मी घोरावे राती आंख दिखावे रे दुश्मी रे नांको अब तो आज नकेला घालो रे छाती पर दुश्मी रे घोड़ा सरपट थे दौड़ाओ रे दुश्मी री छाती रे ऊपर आज तिरंगो गाडो रे नाहर सी हुंकार करो रे दुश्मी ने डरपाओ रे बांटण वाला भाटा पाड़ो गीत देश रा गावो रे सीमा रो बिस्तार करो रे भारत बडो बणावो रे मायड़ थाने आज बुलावे लाज बचावण आओ रे म्हारे दूध री लाज राज्यों मायड़ याद दिरावे रे आज हिमाळा री चोटी पर घोड़े चढ़ ने आओ रे ऐड़ लगा घोड़े के भीता दुश्मन री उलांगो रे राणा रा चेतक री यादा आज ताजी कर ज्यो रे दुश्मी री धरती पर थे तो आज तिरंगो गाडो रे काठी मांड सजा ल्यो घोड़