🌹खण्डित भारत की पीड़ा 🌹
मै देश विभाजन की पीड़ा का ही तो वो सम्बोधन हूँ मै बटवारे की पीड़ा का ही तो मै वो सम्बोधन हूँ मै खण्डित भारत की पीड़ा का ही तो वो सम्बोधन हूँ मै तड़प रही भारत माता की पीड़ा का सम्बोधन हूँ उसने गांधी को क्यो मारा मै आज तुम्हे बतलाता हूँ जो वचन दिया जिस जिह्वया ने वह जिह्वया ही तो बदल गई ना गौ हत्याऐ बंद हुई ना मधुशालाऐ बंद हुई जब कटी भुजाएँ भारत की गांधी की आंखे देख रही फिर चार मिनारे भारत से जब कटने को तैयार हुई तब सुप्त आत्मा भड़क उठी गांधी वध को तैयार हुई जब मरा किसी का भाई था तो मरा किसी का बेटा था और किसी का पती मरा लाखो विधवाये नार हुईं नारी की पीड़ा मत पूछो वो सरे आम लाचार हुई मौज उड़ी चोरो की तो फिर गुण्डागर्दी आम हुई जली होलीय