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🌹सामाजिक समितियो के विरोधी🌹

 समिति के संविधान को जो नहीमानते॥ गांठ से भरे हो आप सारे जान लीजिए॥ सभाओ मे शोर गुल वाले जान लीजिए॥  घोटालो मे डूबे हुए सारे जान लीजिए॥  चोरीऔर सीनाजोरी आप जान लीजिए॥ अपमान समिति का रोज देख लीजिए॥ समिति से ऊपर जो खुद को ही मानते॥  हठ धरमी हो आप सारे जान लीजिये॥  आप सारे लोग आज चौराहो पे जाईये॥  पन्ने संविधान के तो सारे फाड़ दीजीये॥ समिति का संविधान जिसने बनाया है॥  भीतर है लिखे नाम सारे जान लीजिये॥ अपमान उनका तो खुलकर कीजिये॥ चौराहो पे पुतले तो उनके जलाईये॥  लिखे हुए नामो पर गोबर लगाईये आप सारे नामो पर थूक डाल दीजीये॥       गालीयां तो साथ मे मुझको भी दीजिये॥  आप खुद कैसे हो ये जग को बताईये॥   शारदे ने मुझको तो कलम जो सोंप दी॥  आप सारे मिल कर उसे तोड़ डालीये॥ न्याय होगा शारदे से आप मान लीजिये॥  देर है अंधेर नही आप जान लीजिये॥      कॉपीराइट © भीकम जांगिड़ कवि भयंकर